क्या यूपी में अखिलेश वाला ‘जंगलराज’ ज्यादा अच्छा था योगी जी ..!
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Kumar Prem Jee, Senior Editor, TRP

यूपी में अखिलेश राज को जंगल राज बताकर सत्ता में आयी है बीजेपी सरकार। ये जंगल राज क्या होता है! जंगल राज का मतलब होता है जंगल का कानून। इसका मतलब हुआ जिसकी लाठी उसकी भैंस। ताकत जिसके पास है उसका ही है कानून। मगर, अब योगी राज में कानून ने ही ताकत के सामने समर्पण कर दिया। मानो कानून की किताब ही मिटा दी गयी। राजमाता शिवगामी देवी के राज की भांति ‘मेरा वचन ही है शासन’ पर यूपी की सरकार चलने लगी।

यूपी में जंगल राज से भी बदतर स्थिति है इसके ये हैं 10 सबूत

पहला सबूत

इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले ने उन्नाव गैंगरेप व पीड़िता की हत्या मामले का संज्ञान लेते हुए गम्भीर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि यूपी में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है।

दूसरा सबूत

उन्नाव रेप केस में 6 महीने तक गैंगरेप की पीड़िता इंसाफ के लिए गुहार लगाती रही। पुलिस की नींद तब टूटी जब उस पर सवाल उठने लगे और पीड़िता को अपने पिता को भी गंवाना पड़ा।

तीसरा सबूत

योगी सरकार के वकील ने कहा कि आरोपी के खिलाफ साक्ष्य नहीं हैं। साक्ष्य होने पर कार्रवाई की जाएगी। तब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूछा कि हर मामले में पुलिस इसी तरह साक्ष्य जुटाने के बाद कार्रवाई करती है क्या?

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है। तस्वीर नवप्रवाह।
चौथा सबूत

जो आवाज़ गैंगरेप पीड़िता उठा रही थी वही आवाज़ इलाहाबाद हाईकोर्ट को बुलन्द करनी पड़ी। हाईकोर्ट ने पूछा कि पुलिस आरोपी की गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है?

पांचवां सबूत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी वकील से पूछा कि आप सरकार के साथ हैं या गैंगरेप पीड़िता के साथ? योगी सरकार के वकील पर यह टिप्पणी योगी सरकार को जंगलराज से भी बदतर दिखाता है।

छठा सबूत

गैंगरेप पीड़िता के पिता को पुलिस ने जब गिरफ्तार किया गया उनके शरीर से जगह-जगह ख़ून निकल रहे थे लेकिन इलाज कराने के बजाए पुलिस ने उन्हें जेल कैसे भेज दिया?

गैंगरेप पीड़िता के पिता : हिरासत में मौत से पहले की तस्वीर। पीएनएसख़बर.कॉम।
7वां सबूत

जंगलराज की क्रूरता देखिए कि पुलिस की गिरफ्त में हुई पीड़िता के पिता के शरीर पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 14 जगहों पर चोट के निशान मिले। पिटाई से आंत तक फट गयी थी।

8वां सबूत

एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी और सीबीआई के हाथों केस भी सुपुर्द कर दिया। इसके बावजूद आरोपी विधायक की गिरफ्तारी नहीं हुई।

9वां सबूत

यूपी में महिलाओं के साथ बलात्कार के मामलों में 36 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 1 अप्रैल 2016 से 31 जनवरी 2017 के दरम्यान 11 हज़ार 102 बलात्कार के मामले दर्ज किए गये थे जबकि 1 अप्रैल 2017 से 31 जनवरी 2018 के बीच यह संघ्या बढ़कर 15 हज़ार 108 हो गयी।

10वां सबूत

नवें सबूत में आलोच्य अवधि के दौरान ही महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में भी 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 33 हज़ार 728 के मुकाबले महिलाओं के साथ अपराध की संख्या बढ़कर 44 हज़ार 936 हो गयी।
(first Published ON UCnewsapp.)

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