जब एक हिरोइन ने आंध्र फिल्म इंडस्ट्री को ‘टॉपलेस’ कर दिया ..!

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Kumar Premjee From TRP
Pic Courtesy: sahatcoy.com

आन्ध्र फिल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच के विरोध में श्री रेड्डी का टॉपलेस प्रदर्शन ..
श्री रेड्डी मालिडी ने अपने ताजा ट्वीट में सवाल किया है कि जब दुनिया उनके टॉपलेस प्रदर्शन और कास्टिंग काउच पर चर्चा कर रही है तो राज्य के मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं? चुप सिर्फ सीएम नहीं है। चुप है मर्दाना समाज- फ़िल्म इंडस्ट्री, समाजसेवी, मानवाधिकार के पैरोकार। चुप हैं महिला संगठन, चुप हैं राजनीतिक संगठन। चुप हैं तमाम लोग।

श्री रेड्डी अपने ट्वलीट से सवाल पूछ रही हैं कि जब दुनिया उनके प्रदर्शन पर बात कर रही तो मुख्यमंत्री कहां हैं?
श्री रेड़्डी ने ये रीट्वीट किया है जिसमें तस्वीरों के जरिए कास्टि्ंग काउच के गुनहगारों की ओर दिखाई जा रही है उंगलियां..

खामोश रहकर नहीं बचायी जा सकती हैं बेटियां
कहां हैं बेटी बचाओ के प्रवक्ता? बेटियां सिर्फ कोख में ही नहीं मरतीं, कोख के बाहर भी उसे बचाना पड़ता है। स्कूल से लेकर कॉलेज तक उसे बुरी नज़रों बचकर निकलकर जब वह अपने पैरों पर खड़ी है तो दफ्तरों में भी उसे ऐसी ही नज़रों से लड़ाई लड़नी पड़ती है। सांस्कृतिक, राजनीतिक या दूसरे मोर्चों पर अगर बेटियां आगे बढ़ती हैं तो उनकी भी रक्षा की जरूरत आन पड़ती है। इसके बिना बेटियां नहीं बचाई जा सकतीं।

कास्टिंग काउच में सक्रिय-निष्क्रिय दोनों है मर्दाना समाज

फ़िल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच का बोलबाला है। मर्दाना समाज में इसमें शरीक है चाहे सक्रिय रहकर या फिर निष्क्रिय रहकर। सक्रिय रहने का मतलब कास्टिंग काउच का हिस्सा बनना है और निष्क्रिय रहने का मतलब श्री रेड्डी मालिडी जैसी आवाज़ को भी अनसुना करना है।

बोल रहा है तो सिर्फ श्री रेड्डी का न्यूड प्रदर्शन

बोल रही है तो सिर्फ श्री रेड्डी मालिडी, बल्कि वह भी नहीं उनका न्यूड या सेमी न्यूड विरोध प्रदर्शन बोल रहा है। क्या इस इकलौती आवाज़ के साथ और आवाजें भी आकर विरोध का सुर मजबूत करने की पहल करेंगी या यह आवाज़ भी दम तोड़ने वाली है। मीडिया में ख़बर बन जाना आवाज़ मजबूत करना नहीं होता। मीडिया में ऐसी ख़बरों का असर बर्फबारी के बाद महज फ़िजां में बदलाव जैसा होता है। अगर मौसम बदलना है तो इस आवाज़ को सड़क तक लाना पड़ेगा।

श्री रेड्डी नहीं फ़िल्म इंडस्ट्री हुई है न्यूड

श्री रेड्डी मालिडी ने तेलुगू फ़िल्म इंडस्ट्री का काला सच बेपर्द किया है। उसने फ़िल्म इंडस्ट्री को न्यूड किया है, मगर हम सिर्फ प्रदर्शनकारी श्री रेड्डी तक ही अपनी आंखें गड़ाए बैठे हैं। न्यूड श्री रेड्डी हुईं, मगर न्यूडनेस फ़िल्म इंडस्ट्री का उजागर हुआ है।

राम गोपाल वर्मा अपनी आदत के अनुरूप विवादास्पद बयान देने से बाज नहीं आए। ट्वीट कर उन्होंने श्री के प्रदर्शन को शोहरत हासिल करने का जरिया बता डाला।

अगर राम गोपाल वर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी तो इस रूप में दी मानो श्री रेड्डी मालिडी ने लोकप्रियता अर्जित करने के लिए ऐसा किया हो। यही है वो मर्दाना सोच जो किसी विरोध प्रदर्शन को भी स्वीकार करने को तैयार नहीं है क्योंकि यह मर्दों की न्यूडनेस को सामने ला रहा है।

विक्टिम से ही हम कब तक करते रहेंगे सवाल?

फ़िल्म इंडस्ट्री में काम करने वाली लड़कियां अक्सर अकेली होती हैं, मर्दों के सामने होती हैं। फ़िल्म में काम देने के बहाने, ग्लैमरस करियर देने के नाम पर उनका समर्पण कराया जाता है। हम जब कभी भी इस बात की चर्चा करते हैं तो बात यहीं से शुरू करते हैं कि लड़की ने समर्पण किया ही क्यों? विक्टिम से ही सवाल करने के हम आदी हो गये हैं।

प्रतिभाएं समर्पण करेंगी तो बचेंगी कैसे?

फ़िल्म में काम करने के लिए, सफल होने के लिए केवल समर्पण अगर शर्त होती तो देश में बैड स्ट्रीट की तमाम बालाएं फ़िल्मों में काम कर रही होतीं। असली चिंता यही है कि प्रतिभा से सम्पन्न अभिनेत्रियां जिन्होंने फ़िल्म में अपना करियर देखा, उनके पास यही विकल्प रहने दिया जाता है कि पहले समर्पण।

समर्पण के बाद भी नहीं मिले श्री रेड्डी को मौके

श्री रेड्डी मालिडी उदाहरण हैं कि समर्पण के बाद भी इन्हें फ़िल्म में मौके नहीं दिए गए। वो बताती हैं कि फ़िल्म का स्टूडियो अब स्टूडियो नहीं रह गया है। मर्दाना समाज की रंगरेलियों का ठिकाना बन चुका है। क्या इस सवाल को एड्रेस करने की जरूरत नहीं है?

राजनीतिक सवाल भी हैं श्री रेड्डी

श्री रेड्डी के सवाल सिर्फ फ़िल्म इंडस्ट्री के सवाल नहीं हैं। यह राजनीतिक सवाल भी है, सामाजिक और सांस्कृतिक शुचिता का भी सवाल है और हम सबके सब चुप हैं। अगर बोल रहे हैं तो सिर्फ श्री रेड्डी के न्यूडनेस पर बोल रहे हैं। बोलना है तो फ़िल्म इंडस्ट्री के न्यूडनेस पर बोलिए। मर्दाना समाज के न्यूडनेस पर बोलिए। अगर बेटी बचानी है तो बेटियों की आवाज़ को बुलन्द करने की जरूरत है।

(First Posted ON UCnewsApp.)

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