नही भर पाई मुख्यमंत्री की सभा में कुर्सियां, अतिथि समर्थकों से चलाया काम

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सिटी निशानी गुल हो गई, अब ये भी गुल हो जायेगे,
जेड फंड के नाम पर विरार कंपनी का झोलझाल फंड ,
नही भर पाई मुख्यमंत्री की सभा में कुर्सियां, अतिथि समर्थकों से चलाया काम

विरार. 22 पालघर लोकसभा सीट की चुनावी प्रचार में आये प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की विरार पूर्व के मनवेल पाडा में सोमवार दोपहर 3 बजे आयोजित विजय संकल्प सभा में पीछे की अधिकतर कुर्सियां खाली पड़ी रही, सैकड़ो कुर्सियां किनारे रखी रह गई। सभी मे अधिकतर अतिथि समर्थक देखने को मिले जबकि स्थानीय बीजेपी और शिवसेना के कई नेता नदारद मिले। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में पालघर जिले का जमीनी विकास की कोई चर्चा नही किया। मुख्यमंत्री ने अपने लंबे चौड़े भाषण में पाकिस्तान, सर्जिकल स्ट्राइक, विंग कमांडर अभिनदंन, अमेरिका, चीन, आतंकवाद, को जगह मिली लेकिन पालघर जिले के लोगों के तकलीफों पर कोई बात नही कही। हालांकि मुख्यमंत्री फडणवीस ने विपक्ष के बहुजन विकास अघाड़ी पर तंज कसते हुए कहा शेर और बाघ जब आता है तो सिट्टी पिट्टी गुम हो जाती हैं। ऐसा ही अब हुआ है महायुति का उम्मीदवार आया तो सीटी गुल हो गई। आगे राहुल गांधी पर कहा ‘चौकीदार चोर हैं’ पर सुप्रीम कोर्ट में माफीनामा दाखिल करना पड़ा। जो आसमान की तरफ थूकेगा वापस उसके मुंह पर ही गिरेगा । आगे स्थानीय विपक्षी पार्टी पर कहा कि कुछ लोगो को जेल में जाने की जल्दी है, तो उन्हें परेशान होने की जरूरत नही है, कई कोठारी खाली है, वो चिंता न करे। विरार में बिल्डरों से 200 से 300 रुपए फीट के हिसाब से जेड फंड वसूला जाता है, यह इनका झोलझाल फंड है। बहुजन विकास आघाडी के अध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर ने बयान दिया था कि मैं सीबीआई, एडी से नही डरता, न जेल जाने से डरता हूं। उस बयान के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि ठाकुर की वह भी मनसा जल्द ही पूरी करुगा।

योगी के आने में संदेह, बीजेपी कार्यकर्ताओं में उत्साह खत्म

योगी की सभा को लेकर नालासोपारा में न तो रौनक है न ही कोई चहल पहल । इधर योगी की सभा बीरबल की खिचड़ी बन गई हैं। पहले 19, फिर 22 और अब 24 अप्रैल को सभा की तारीख तय थी। सूत्रों की माने तो नालासोपारा में यूपी के मुख्यमंत्री योगी की सभा होने में संदेह दिख रहा हैं। सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार खूब किया लेकिन तारीखों के बदलाव के चलते कार्यकर्ता में उत्साह अब लगभग खत्म हो गया। जिसका सीधा असर विरार में सभा के दौरान देखने को मिला , कुर्सियां खाली रही जनता के मुद्दे गायब रहे, दूर से लाये अतिथि समर्थक ही ज्यादातर दिखे।

Courtesy:पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

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