मनरेगा योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई  भ्रष्टाचार भी छोटा-मोटा नहीं बल्कि घोटाला करोड़ों में.

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Faheem Khan/Rampur/Uttar Pradesh.02/7/2020.

यूपी के रामपुर में मनरेगा में बड़ा घोटाला पकड़ में आया है मनमोहन सिंह सरकार,और अब मोदी सरकार ने मनरेगा को सबसे आगे रखकर बड़ा बजट इस उम्मीद से दिया को गरीबो को रोजगार मिलेगा,लेकिन यह योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई भ्रष्टाचार भी छोटा-मोटा नहीं बल्कि जिस तरह से इस की परत दर परत खुल रही है यह घोटाला करोड़ों में जाता दिख रहा है इसकी व्यापक जांच शुरू हो चुकी है इसलिए नतीजे धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं मनरेगा में सचिव और प्रधान की मनमानी गरीबों को रोजगार ना देने की कहानी साफ तौर पर सामने आ रही है जिससे सरकार की मंशा पर पूरी तरह से पानी फिरता दिख रहा है।

रामपुर के ब्लॉक स्वार के गांव मुस्तुफाबाद खुर्द गांव के मनरेगा योजना का मज़ाक बनाकर रख दिया बिना काम किए ही कागज़ी खाना पूरी कर ब्लॉक के कर्मचारियों से प्रधान और सचिव ने मनरेगा की कई लाख की धनराशि अपने पारिवारिक सदस्यों के खाते में ट्रांसफर करा कर निकाल ली और उसको हड़प गए।
प्रधान ने मनरेगा में कराए जाने वाले कार्यों को बिना कराए ही उसका पूरा भुगतान कर दिया। कुछ ग्रामीणों ने शिकायत की जिस पर जाँच को पहुँचे एसडीएम ने ग्रांम प्रधान की घोटालेबाजी पकड़ ली। जाँच में ये भी पता चला कि प्रधान ने अपने पारिवारिक सदस्यों के खाते में रुपये डलवाये हैं। एसडीएम ने मामले की जाँच आख्या जिलाधिकारी को भेजी है।
सरकार ने गरीब श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा योजना चलाई। जिसमें कार्य करने के लिए गरीब श्रमिकों को निर्धारित भुगतान मिलता है। लेकिन अधिकतर ग्राम प्रधान अपने चहेतों को इस योजना का लाभ दिलाने में लगे रहते हैं। जबकि कई पात्र लोग सरकार की योजनाओं के लाभ से वांछित रह जाते हैं। सभी ग्राम प्रधान ने अपने ज्यादा से ज्यादा लोगों के जॉब कार्ड बनवा रखे हैं। जिसका एक फायदा ये भी है कि प्रधान के पारिवारिक सदस्य खाते से रकम निकालकर उसका एक बड़ा हिस्सा प्रधान को बापस कर देते हैं। दूसरा बिना काम कराए ही उसका पूरा भुगतान आसानी से निकाल लिया जाता है। केवल कागजों में लिखा पड़त कर निर्माण दिखा दिया जाता है। जिसकी किसी को जानकारी भी नहीं मिल पाती है।

ऐसा ही एक मामला रामपुर की तहसील स्वार के उपजिलाधिकारी राकेश कुमार गुप्ता के समक्ष पहुँचा। क्षेत्र के गांव मुस्तफाबाद खुर्द निवासी एक व्यक्ति ने उपजिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर ग्राम प्रधान पर आरोप लगाया कि प्रधान ने मनरेगा योजना के अंतर्गत बिना निर्माण कार्य कराये ही उसका भुगतान भी निकाल लिया है। साथ ही प्रधान ने अपने पारिवारिक सदस्यों व अपने चहेतों के जॉब कार्ड बनवाये हैं। जबकि कई पात्र लोग अभी भी योजना के लाभ से वंचित हैं। र उपजिलाधिकारी राकेश गुप्ता शिकायत की जाँच को गांव पहुँचे। जाँच की तो पता चला कि ग्राम प्रधान ने मनरेगा के अंतर्गत कराए जाने वाले कार्य को केवल कागजों में निबटा दिया है। कार्य के निर्माण में आवंटित रकम का पूरा भुगतान भी कर दिया गया है। भुगतान किये गए कागजों की जाँच में पता चला कि प्रधान ने अपने पारिवारिक सदस्यों के खाते में भुगतान की रकम ट्रांसफर कराई है। उपजिलाधिकारी ने सभी अभिलेखों की जाँच कर पूरी आख्या जिलाधिकारी को भेजी है। उपजिलाधिकारी राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि ग्राम प्रधान के खिलाफ शिकायत मिली थी कि मनरेगा योजना में बिना कार्य कराए ही उसका भुगतान निकाला गया है। इसके साथ ही कई पात्र लोग योजना के लाभ से वंचित रह गए हैं। जाँच में ग्राम प्रधान के खिलाफ की गई शिकायत सही पाई गई। ग्राम प्रधान और सचिव ने बिना कराए ही पूरा भुगतान हड़प कर दिया।

जिस रास्ते को मनरेगा से एक सप्ताह पूर्व बना हुआ दिखा कर पैसा निकाला गया था उस कार्य की खबर की कबरेज करने जब हमारे संवाददाता फ़हीम खाँन पहुँचे तो,उन रास्तो पर एक साल पुरानी घास उगी हुई थी।जो साफ तौर पर भ्रष्टाचार की कहानी सुना रही थी लेकिन प्रधान और सचिव ने रातों-रात उस घास को छुपाने के लिए और भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए एक गुना और किया उसने उस घाट के ऊपर ट्रॉली उसे मिट्टी छिड़क वाकर उसको दबाने का प्रयास किया जिसके बाद प्रशासन फिर हरकत में आया और उसने सभी के सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं हमारी खबर करने के बाद आनन-फानन में रात के अंधेरे में उन रास्तों पर मिट्टी चली गई मिट्टी डाली गई जिन पर कभी काम तो हुआ नहीं लेकिन उनके नाम से पैसा निकाल लिया गया आप साफ-साफ देख सकते हैं कि पहले हमने जो है जिस रास्ते पर खड़े हुए खबर की थी वही रास्ता आप मिट्टी पड़ा हुआ दिख रहा है।
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(TRP News Report Rampur Uttar Pradesh)

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