Kumar PremJee, Senior Editor for TRP
वीएस येदियुरप्पा ने एक बार फिर अपने गृहक्षेत्र शिकारपुरा से ही राजनीतिक किस्मत आजमाने का फैसला किया है।
कर्नाटक में बीजेपी का चेहरा और सीएम उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा को उनकी पसंदीदा शिकारपुर सीट पर पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। शिकारपुरा से येदियुरप्पा 1983 में पहली बार विधायक बने थे और उसके बाद से 6 बार विधायक रहे हैं। 1999 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। तब वे विधान परिषद में चले गये। लेकिन एक बार फिर 2004 में येदियुरप्पा शिकारपुरा से चुने गये।
इससे पहले वीएस येदियुरप्पा ने 2008 में शिकारपुरा में चुनाव लड़ा था। उन्होंने तब पूर्व मुख्यमंत्री एस बंगारप्पा को हराया था। बंगारप्पा ने समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा जिन्हें कांग्रेस और जेडीएस का समर्थन था। इसके बावजूद येदियुरप्पा ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की। वे 45 हज़ार से भी अधिक मतों से जीते।
वीएस येदियुरप्पा को यह श्रेय दिया जाता है कि उन्होंने बीजेपी को कर्नाटक में पहली बार सत्ता का स्वाद चखाया। सिर्फ कर्नाटक ही नहीं पूरे दक्षिण भारत में बीजेपी ने पहली बार सत्ता सम्भाली थी जब उसे कर्नाटक में गद्दी मिली।
हालांकि ये येदियुरप्पा ही हैं जिनकी वजह से बीजेपी को कर्नाटक में बुरे दिन भी देखने पड़े। येदियुरप्पा जब भ्रष्टाचार के आरोपों में बुरी तरह फंस गये तो उन्हें गद्दी छोड़नी पड़ी। बीजेपी ने उनसे दूरी बना ली। येदियुरप्पा ने नयी पार्टी बना ली। मगर 2014 आते-आते बीजेपी ने येदियुरप्पा को फिर से अपनी पार्टी में शामिल कर लिया।
एक तरह से शिकारपुरा में चुनाव लड़ने का मौका पाकर येदियुरप्पा को अपनी ताकत दोबारा हासिल करने का मौका मिलेगा। जिस तरह से शिकारपुरा की सीट येदियुरप्पा के लिए महत्वपूर्ण रही है उसे देखते हुए येदियुरप्पा समर्थक उम्मीद कर सकते हैं कि येदियुरप्पा नये सिरे से बीजेपी को नयी ऊंचाई तक ले जाएंगे।
सवाल ये है कि वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति में क्या येदियुरप्पा अपने गृहक्षेत्र शिकारपुरा से जीत पाएंगे? अधिक मुश्किल तो नहीं होनी चाहिए। कम से इतना तो जरूर है कि वे अपनी सीट निकालने को लेकर आश्वस्त हैं
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