इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के गृह विभाग व ट्रांसपोर्ट विभाग को ऐसा तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया है जिससे देश में कहीं भी वाहन चोरी की एफ आई आर दर्ज हो

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*इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के गृह विभाग व ट्रांसपोर्ट विभाग को ऐसा तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया है जिससे देश में कहीं भी वाहन चोरी की एफ आई आर दर्ज हो तो बरामदगी के बाद बिना विवेचक व वाहन मालिक की जानकारी के वाहन नीलाम न किया जा सके।*

कोर्ट ने दोनों विभागों से 6 हफ्ते में हलफनामा मांगा है और पूछा है कि याची की मोटरसाइकिल चोरी की शाहगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज थी तो दारागंज थाना पुलिस ने लावारिश वस्तु दिखाकर नीलामी कैसे कर दी।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुनील कुमार उर्फ सुनील चौधरी की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि उसकी मोटरसाइकिल चोरी की 2015 मे शाहगंज थाने में एफ आई आर दर्ज है। दारागंज पुलिस ने लावारिश हालत में बरामद दिखाकर सुरेश पांडेय को नीलामी में बेच दिया।न तो विवेचना अधिकारी या याची को सूचित किये वाहन बेच दिया गया।केस संपत्ति कैसे बेंच दी गई।

कोर्ट ने कहा ऐसा सिस्टम बनाया जाय जिससे चोरी की संपत्ति अधिसूचित हो और मालिक व विवेचना अधिकारी को बरामदगी की जानकारी दी जाय।

*इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के थाना फेज-2 के पुलिस अधिकारियों कर एसएसपी गौतम बुद्ध नगर को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। पुलिस पर आरोप है कि सांसी थाना क्षेत्र, हाथरस के निवासी ललित गुप्ता को 4-5 लोग रात में सादे वेश में आकर पकड़ कर ले गये और, गांजा तस्करी के फर्जी केस में फंसाया। कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने वाले तत्कालीन एस एस पी के खिलाफ भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि घर से रात में पकड़ कर केस में फंसाया, संदेहों से भरी गांजा जब्ती की अभियोजन कहानी तैयार की और, दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से अवैध गिरफ्तारी की।अपर महाधिवक्ता ने भी पुलिस कार्यवाही ड्राबैक व लूपहोल स्वीकार किए हैं।याची जमानत पर रिहा होने का हकदार है। कोर्ट ने याची ललित गुप्ता को व्यक्तिगत बंधपत्र लेकर बिना प्रतिभूति के तत्काल सशर्त जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है।*

यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने ललित गुप्ता के अधिवक्ता श्रीकृष्ण शुक्ल को सुनकर दिया है। कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को तलब किया था। सभी के हाजिर होने के बाद एफ आई आर दर्ज करने वाले दरोगा राम चंद्र सिंह सहित सहकर्मी पुलिस अधिकारियों पर, विभागीय जांच कर दोषी करार होने पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
मालूम हो कि नोएडा फेज दो थाना पुलिस सादे वेश में हाथरस गई और याची को पकड़ लायी। 14 जून 21 को 29.600 किग्रा अवैध गांजा तस्करी के आरोप गिरफ्तार किया।

याची का कहना था कि उसके खिलाफ 2001 से 2017 तक हाथरस, सांसी थाने में 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2017 के बाद कोई केस दर्ज नहीं है।अब पुलिस ने फर्जी केस में फंसाया है।

कोर्ट ने कहा याची अपने आचरण सुधारने में लगा है और पुलिस ने झूठी कहानी गढ कर अपराध में घसीटने की कोशिश की है। जिसके लिए उनके खिलाफ ऐक्शन होना चाहिए।

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