वर्षों से जिम्मेदारों के लापरवाही व उदासीनता का दंश झेल रहा परिवार
प्रतापगढ़। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी एंव ग्रामीण क्षेत्रों मे निवास करने वाले गरीब एंव पात्र लोगों को भी छत मिले इस दिशा मे कार्य करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एंव सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ लगातार कार्य कर रहे हैं । किन्तु प्रतापगढ़ के दर्जनों गांवों मे वर्षों से झुग्गी – झोपड़ियों मे गुजारा कर रहे गरीबों को आवास योजना जैसी अनेकों योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा । मामले मे जब जिम्मेदारों से बात किया जाता है तो वही रटारटाया शब्द कि पात्रता सूची मे नाम नही होगा, किन्तु ऐसे मे उन कर्मचारियों पर प्रश्न चिन्ह भी खड़ा होता है कि जब पात्रता सूची की गणना की जाती तो वर्षों से दयनीय दशा मे जीवन बिता रहे गरीबों का दुख दर्द उन्हे क्यों नही दिखता ।
चर्चाओं पर गौर करें तो ऐसे गरीब या तो राजनीति के शिकार के चलते छूट जाते हैं अथवा कर्मचारियों के लापरवाही व उदासीनता के शिकार हो जाते हैं, कुछ ऐसा ही मामला है लक्ष्मणपुर विकासखण्ड के बासूपुर का, जहां पर कई वर्षों से जर्जर एंव कच्चे गिर रहे मकान मे राजेन्द्र गुप्ता का परिवार जीवन बिता रहा है ।राजेन्द्र गुप्ता की पत्नी राजकुमारी ने बताया कि विगत कई वर्षों से वह कच्चे गिर रहे मकान मे चार बेटियों संग रहते हुए सर्दी, गर्मी बरसात हर मौसम की मार झेलने को मजबूर है क्योंकि उसके पास आमदनी का स्रोत कोई खास नही है। पति किसी तरह मेहनत – मजदूरी करके चार बेटी व पत्नी संग घर का खर्च चला रहा है ।राजकुमारी ने बताया कि उसके चार बेटियां हैं, माली हालत ठीक न होने के चलते बेटियों की न तो वह शादी कर पा रही है और न ही घर दुरुस्त करवा पा रही है जबकि आए दिन उसका कच्चा मकान गिरता रहता है और उसे डर लगा रहता है कहीं उनका आशियाना उनके व परिवार के लिए घातक न साबित हो जाए ।गौरतलब है कि गांव मे कई ऐसे परिवार हैं जो पात्र होने के बावजूद भी या तो सिस्टम के शिकार हो गए हैं या फिर राजनीति के । फिलहाल एक बात तो तय है कि जिन परिवारों को पात्र होने के बाद भी सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है ऐसे परिवार कहीं न कही जरुर सिस्टम के अपेक्षाओं का दंश झेल रहे हैं और जैसे – जैसे जीवन बिताने को मजबूर हैं ।