उदासीनता व राजनीति के शिकार तालाब, अवैध कब्जों क़ी भरमार

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सफ़ाई कर्मी द्वारा गांव क़ा कूड़ा डाल किया जा रहा अवैध क़ब्जा,किसके दबाव मे हैं सफाई कर्मी सरपंच या प्रशासनिक अधिकारी.

चरथावल 24 मई प्राप्त समाचार के अनुसार जनपद मुजफ्फरनगर के चरथावल विकासखण्ड के गांव दधेडू मे तालाबो पर क़ब्जा रुकने क़ा नाम नही ले रहा हैं जहां प्रशासन की उदासीनता व सरपंचों की राजनीति की कीमत तालाबों को चुकानी पड़ रही है ज्यादातर तालाबों पर लोगों ने कब्जे कर मकान तक बना लिए हैं आपको बता दें गांव दधेडू में कुछ तालाब ऐसे हैं जिनका पानी प्रदूषित हो गया है इतना ही नहीं प्रदूषित पानी ओवरफ्लो होकर गांव के चारों तरफ फैला है या फिर नालो से होता हुआ दोबारा गांव में चला जाता है जिससे बीमारियां फैल रही है और गांव का माहौल भी प्रदूषित हो रहा है कोई अधिकारी यह नहीं कर पाया कि उन्होंने अपने गांव के तालाबों से कब्जे को हटवाया हो कुछ तालाब तो ऐसे हैं जिनकी सरपंचों ने साफ सफाई तक नहीं करवाई सिर्फ कागजो मे ही साफ़ सफाई क़ो दर्शाया गया हैं जिस कारण निकासी प्रभावित होती है बिना सफाई के इनमें झाड़ियां उग जाती है इसलिए पानी इनमें जाने की बजाय आसपास बह जाता है ऐसा ही एक मामला चरथावल विकास खंड के गांव दधेडू खुर्द में देखने को मिला है जहां पर सफाई कर्मी द्वारा गांव का पूरा कूड़ा तालाबों में डालकर अवैध कब्जा किया जा रहा है यदि कोई व्यक्ति तालाब पर कब्जा कर रहा है तो सरपंच की जिम्मेदारी है कि वह तालाब पर हो रहे कब्जे को रुकवाए इसके लिए वह प्रस्ताव पास कर तुरंत कब्जा हटवा सकता है परंतु 99 फ़ीसदी सरपंच ऐसे हैं जो कब्जे हटवाते ही नहीं क्योंकि 5 साल बाद उन्हें दोबारा लोगों से वोट लेने हैं उनकी राजनीति के चलते तालाबों पर भवन खड़े हो चुके हैं पूर्व में जनपद मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी रहे दिनेश कुमार व एसएसपी केबी सिंह ने गांव का दौरा कर अवैध कब्जा हटाने के सख्त निर्देश दिए थे लेकिन जिलाधिकारी के आदेश हवा-हवाई साबित हुए और लगातार अवैध कब्जों की भरमार जारी है।

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