Dr. Buddhsen kashyap, Senior Editor, TRP
हरियाणा के गुरुग्राम में हुए चुनाव में विश्व हिन्दु परिषद का बड़ा चेहरा रहे प्रवीण तोगड़िया को बड़ा झटका लगा है. उनकी जगह आलोक कुमार लेंगे. पेशे से वकील आलोक कुमार आरएसएस में दिल्ली प्रांत के सहसंघ चालक हैं. इससे पहले परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर राघव रेड्डी को हराकर विष्णु सदाशिव कोकजे ने कब्जा जमा लिया. राघव रेड्डी प्रवीण तोगड़िया के करीबी रहे हैं. 52 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब चुनाव के जरिये अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर कोई काबिज हुआ. विष्णु सदाशिव कोकजे हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज भी रह चुके हैं. नयी टीम में अशोक राव चैगुले को कार्याध्यक्ष विदेश विभाग, मिलिंद परांडे को महामंत्री, विनायक राव देशपाण्डे को संगठन महामंत्री, चम्पत राय को उपाध्यक्ष, कोटेश्वर राव को सयुंक्त महामंत्री और डॉ सुरेन्द्र जैन को संयुक्त महामंत्री बनाया गया है. तोगड़िया और राघव रेड्डी को नयी टीम में कोई भी नया दायित्व नहीं मिला है. इसे विश्व हिन्दु परिषद में तोगड़िया युग का अंत माना जा रहा है. इस जीत के साथ ही कयास लगाए जाने लगे थे कि प्रवीण तोगड़िया को विश्व हिंदू परिषद से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.
हालांकि चुनाव में मिली हार के बाद तोगड़िया ने खुद कहा कि वह अब विश्व हिन्दु परिषद में नहीं हैं. उन्होंने कहा, 32 सालों तक हिन्दुओं की सेवा करता रहा और आगे भी उनके हक के लिए आवाज उठाता रहूंगा. इसकी शुरुआत 17 अप्रैल को अहमदाबाद से करेंगे. अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंगे और किसानों, महिलाओं और मजदूरों को उनका हक देने की मांग करेंगे. इसके अलावा राम मंदिर, काॅमन सिविल कोड और कश्मीर के हिन्दुओं को वापस बसाने की भी आवाज उठायेंगे. तोगड़िया का आरोप है कि करोड़ों हिन्दुओं की आवाज को दबाने का काम हुआ है. लेकिन इससे उनका लक्ष्य भटकनेवाला नहीं है. अपनी हार को उन्होंने बड़ी जीत के लिए छोटी हार बताया. बताया जाता है कि केन्द्र सरकार, खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निंदा करने के कारण संघ और भारतीय जनता पार्टी, दोनों ही, प्रवीण तोगड़िया से नाराज चल रहे थे और उनको सबक सिखाने के लिए संघ के पदाधिकारियों का चुनाव कराया गया.