Team TRP
आईआरसीटीसी टेंडर घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल सूप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पत्नी राबड़ी देवी और छोटे पुत्र तेजस्वी यादव सहित 14 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. सीबीआई इस घोटाले को लेकर कई बार पिता, पुत्र और मां से पूछताछ कर चुकी है. आईआरसीटीसी टेंडर घोटाले को लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सार्वजनिक मंचों से सीबीआई को चार्जशीट दाखिल करने का चैलेंज दे रखा था.
पिछले 10 अप्रैल को भी सीबीआई ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से चार घंटे तक पूछताछ की थी. इस घोटाले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित आठ लोगों को नामजद अभियुक्त बनाते हुए एफआईआर दर्ज की है. आपको बता दें कि सीबीआई ने आईआरसीटीसी के होटलों की देखभाल का ठेका एक निजी कंपनी को सौंपने के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में आरजेडी प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके छोटे बेटे तेजस्वी से कई बार पूछताछ की है.
सीबीआई ने अपनी जांच में पाया है कि साल 2004 में जब लालू यादव रेलमंत्री थे तब रेलवे के दो होटलों को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया गया था और इनकी देखभाल करने के लिए टेंडर जारी किए गए थे. बाद में यह पाया गया कि टेंडर बांटने में गड़बड़ियां हुई हैं. लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के पुरी और रांची स्थित दो होटलों का आवंटन कोचर बंधु की कंपनी सुजाता होटल को नियमों को ताक पर रखते हुए कर दिया था.
बाद में इस आवंटन के एवज में लालू प्रसाद यादव को पटना में करोड़ों की जमीन एक शेल कंपनी डिलाइट मार्केटिंग कंपनी जो अब लारा प्राइवेट कंपनी के नाम से जानी जाती है, उसको ट्रांसफर कर दिया गया था. सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के हाथ में इस केस की जिम्मेदारी है. सीबीआई के मुताबकि प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि होटल आवंटन में गड़बड़ियां हुई हैं. होटल लीज पर देने के बदले जमीन ली गई. 65 लाख में 32 करोड़ की जमीन ली गई. धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के केस में आईपीसी की धारा 420 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया था.
इस चार्जशीट के दाखिल होने के बाद एक बार फिर से आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. खासकर तेजस्वी यादव के राजनीतिक करियर पर भी प्रश्नचिन्ह लग सकता है.