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आइडिया-वोडाफोन के प्रस्तावित मर्जर से इन दोनों कंपनियों के कर्मचारियों के बुरे दिन आ सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि 5 हजार से अधिक कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। मर्जर के बाद दोनों कंपनियों के कर्मचारियों की संख्या 21 हजार के पार चली जाएगी।
पहले से है घाटा
दोनों कंपनियों का घाटा चरम पर है और उन पर मार्केट की 120000 करोड़ रुपये की देनदारी है। घाटे को कम करने के लिए दोनों कंपनियां इसलिए कर्मचारियों की छंटनी करेगी ताकि वो खर्च को कम कर सकें, डुप्लीकेशन को हटाना और लोगों की क्षमता को बढ़ाया जा सके। दोनों कंपनियों ने मिलकर फैसला किया है कि अब उन्हें इतने कर्मचारियों की जरूरत नहीं है। यह बात इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने बताई है।
जियो को मिलेगी टक्कर
मर्जर के बाद वोडाफोन के सबसे ज्यादा ग्राहक होंगे और वो देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी बन जाएगी। इससे कंपनी को जियो को टक्कर देने में भी आसानी होगी। जियो के ग्राहकों को अपने पक्ष में करने के लिए नए ऑफर और प्लान लेकर के आ सकती है।
38 करोड़ हो जाएंगे ग्राहक
इस विलय के बाद दोनों कंपनियों के ग्राहक 38 करोड़ हो जाएंगे। कंपनियां अपने सर्किल और नेटवर्क का विस्तार करेंगी जिसका फायदा दोनों कंपनियों के मौजूदा और नए ग्राहकों को होगा। दोनों कंपनियों के मर्जर के बाद आइडिया और वोडाफोन एक ही नेटवर्क का उपयोग करेंगी। इससे दोनों कंपनियों के ग्राहकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
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