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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच इसी हफ्ते होने वाले अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के बाद कोई संयुक्त बयान या प्रेस रिलीज नहीं जारी की जाएगी. इसके साथ ही सूत्रों ने बताया कि दोनों नेता व्यापक और बड़े मुद्दों पर रणनीतिक बातचीत करेंगे. एक सूत्र ने बताया, ‘यह मुद्दों पर आधारित बातचीत नहीं होगी.’
दरअसल उनसे पूछा गया था कि क्या दोनों नेता एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत की कोशिशों, आतंकवादी मसूद अजहर के बारे में चीन के रुख जैसे विवादित मुद्दों पर चर्चा करेंगे. इस उन्होंने यह जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के बाद कोई संयुक्त बयान या प्रेस रिलीज नहीं जारी की जाएगी. सम्मेलन में दोनों नेता राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर अपने नजरिया साझा करेंगे.
बता दें कि मोदी इसी शुक्रवार और शनिवार को चीन यात्रा पर रहेंगे, जहां वुहान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अनौपचारिक शिखर वार्ता करेंगे. दोनों नेताओं की इस मुलाकात को लेकर चीन के विदेश उपमंत्री कोंग शुआनयू ने बताया कि वे गतिरोध वाले मुद्दों को सुलझाने के लिए आपसी विश्वास पैदा करने और महत्वपूर्ण आम सहमति बनाने का प्रयास करेंगे.
गतिरोध वाले मुद्दों पर होगी दोनों नेताओं के बीच बातचीत
शुआनयू ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘दोनों पक्षों ने किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करने या कोई संयुक्त दस्तावेज जारी नहीं करने बल्कि गतिरोध वाले मुद्दों को सुलझाने के लिए महत्वपूर्ण आमसहमति बनाने पर रजामंदी बनाई है.’ उन्होंने कहा कि यह अनौपचारिक वार्ता अपने तरह की पहली बातचीत है.
कोंग ने कहा, ‘अनौपचारिक बातचीत में, दोनों नेता गतिरोध वाले मुद्दों पर खुले दिल से बातचीत करेंगे और मतभेद सुलझाने के लिए आपसी विश्वास और आम सहमति बनाने का प्रयास करेंगे.’
यह पूछे जाने पर कि क्या बातचीत में डोकलाम और सीमा विवाद जैसे विषय उठेंगे, कोंग ने कहा कि डोकलाम विश्वास में कमी के कारण हुआ. उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों को सीमा का मुद्दा सुलझाने के लिए उनके बीच विश्वास और माहौल पैदा करने की जरूरत है.’
इससे पहले खबर आ रही थी कि इस यात्रा के दौरान पीएम भगोड़ा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की मांग कर सकते हैं. हालांकि चीनी सूत्रों ने साफ़ कर दिया है कि इस बारे में किसी भी तरह की बातचीत होने की संभावना बेहद कम है. बताया जाता है कि नीरव फिलहाल हॉन्ग कॉन्ग में छुपा हुआ है. चीन ने इस मसले को स्थानीय प्रशासन पर छोड़ दिया है, लेकिन यह बात किसी से छुपी नहीं है कि अंतिम निर्णय बीजिंग को ही लेना है.
चीन पहुंच चुकी हैं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
चीन ने सोमवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वुहान में इस सप्ताह होने वाली अनौपचारिक बैठक में बढ़ते संरक्षणवाद से होने वाले खतरों और पिछले 100 सालों में दुनिया के भीतर अभूतपूर्व बदलावों पर चर्चा होगी इस बातचीत में दुनिया बहुत ही सकारात्मक आवाज सुनेगी.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय रिश्तों से संबंधित रणनीतिक दीर्घकालिक मुद्दों पर पिछले 100 सालों में हुए परिवर्तनों पर चर्चा होगी.
इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने रविवार को घोषणा की थी कि मोदी और शी चीन के मशहूर शहर वुहान में 27-28 अप्रैल को मिलेंगे. लू ने कहा कि यह मुलाकात क्षेत्रीय और विश्व शांति, स्थिरता और विकास पर सकारात्मक असर डालेगी, साथ ही इससे दोनों देशों के लोगों को अधिकतम लाभ मिलेगा ..
First Published on FP