‘लड़कियों’ के सहारे .. सुशासन बाबू हमारे ..!

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Pic Court. Patrika
2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर हर राजनीतिक पार्टी अभी से तैयारी में जुट गई है. सभी पार्टियों की नजरें उस वोट बैंक पर टिकी हुई हैं, जिसके सहारे चुनावी वैतरणी पार की जा सके. कोई पार्टी दलित कार्ड खेल रही है तो कोई मुस्लिम कार्ड, कोई पार्टी पिछड़ा कार्ड खेल रही है तो कोई अति पिछड़ा. लेकिन नीतीश कुमार ने इस सब के बीच एक ऐसा फ़ैसला कैबिनेट से पास कर दिया जिसे लेकर मुख्यमंत्री के विरोधियों की नजरें भी टिक गई है. ये उसी फ़ैसले की आगे की कड़ी है, जिसके सहारे नीतीश कुमार पहले भी विरोधियों को मात देकर सत्ता पर काबिज़ हुए थे.

नीतीश कैबिनेट के फ़ैसले में स्कूल पास करने वाली लड़कियों, कॉलेज पास लड़कियों और जन्म लेने से लेकर टिकाकरण होने तक उन्हें एक निश्चित राशि सरकार की तरफ़ से दी जाएगी. ये उसी फैसले की आगे की कड़ी है, जिसमें स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों को साइकिल और पोशाक योजना देने की घोषणा की गई थी. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि महिलाएं समाज की आधी आवादी हैं. विकास में आधी आवादी पीछे छूट जाए तो कैसे संपूर्ण समाज विकसित होगा. इसलिए महिलाओं पर विशेष ध्यान देना समय की मांग है.

ज़ाहिर है इसके पहले भी नीतीश कुमार ने महिलाओं को फ़ोकस करते हुए कई फ़ैसले किए है. जिसका बड़ा असर हुआ है. शराब बंदी का फ़ैसला हो, दहेज प्रथा का विरोध हो, साइकिल योजना से लेकर पोशाक योजना हो या महिलाओं को पंचायत में 50 प्रतिशत आरक्षण देने की बात हो. अब इसी कड़ी में स्कूल से लेकर कॉलेज पास लड़कियों के साथ-साथ लड़कियों के जन्म पर सरकार की तरफ़ से एक निश्चित राशि देने की घोषणा से जेडीयू की नज़रें आधी आबादी पर टिक गई हैं.

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