यूपीए के ‘पीएम’ दावेदारों को कैसे मैनेज करेंगे राहुल गांधी ?

0
440

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अब यूपीए का नेतृत्व करेंगे .. यूपीए को नए सिरे से सक्रिय करने में सबसे बड़ी बाधा क्षेत्रीय दलों में प्रधानमंत्री बनने के सपने संजोए नेता हैं। ऐसे नेताओं में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शरद पवार, मायावती और सर्वानुमति बनाने के नाम पर शरद यादव भी हो सकते हैं। तीसरे मोर्चे को लेकर उत्साहित ममता बनर्जी ने यह कह कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं कि अगला प्रधानमंत्री उसे ही बनना चाहिए जिसे किसी राज्य का मुख्यमंत्री या केंद्रीय मंत्री होने का अनुभव हो। स्पष्ट है कि अगर कांग्रेस भाजपा विरोधी क्षेत्रीय दलों को साथ जोड़ने में विफल रही तो वह सपा, बसपा, टीडीपी, झाविमो, टीआरएस, बीजेडी, जनता दल (एस), चौटाला परिवार के इनेलो, रालोद, अजीत जोगी और कुछ अन्य छोटे-बड़े क्षेत्रीय दलों को जोड़कर तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद कर सकती हैं।

इस लिहाज से देखें तो लोकसभा के अगले आम चुनाव के मद्देनजर भाजपा के साथ ही कांग्रेस के  लिए भी कर्नाटक विधानसभा के चुनाव परिणाम निर्णायक साबित हो सकते हैं। अगर कर्नाटक में कांग्रेस अपने करिश्माई मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व में दोबारा सरकार बनाने में सफल रही तो मोदी और भाजपा विरोधी राजनीतिक ताकतें इसके इर्द-गिर्द जमा होने लगेंगी। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस का बेहतर प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर उसे  और राहुल गांधी को भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के विरुद्ध मजबूत विकल्प के रूप में उभरने से रोक पाना किसी के भी बूते की बात नहीं रह जाएगी। लेकिन कर्नाटक के नतीजे उलट हुए तो कांग्रेस को राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ और मिजोरम का सेमी फाइनल भी खेलना पड़ सकता है…

NO COMMENTS