Kumar Prem JEE, Senior Editor, TRP
Pic Courtesy: DevBhoomi
मीडिया पर बार-बार ऐसे आरोप लगते हैं कि वह उन ख़बरों को प्राथमिकता देता है जो प्राथमिकता में पीछे होते हैं। आम दर्शकों के इस आरोप को अमूमन पत्रकार उनकी नासमझी मान लेते हैं। मगर, जब पत्रकारिता में ज़िन्दगी गुजार चुके पत्रकार यही सवाल उठाएं तो सवाल में वजन आ जाता है।
छोले-भटूरे पर मीडिया ने लिए चटखारे 9 अप्रैल का दिन इस लिहाज से महत्वपूर्ण रहा कि पत्रकार यही तय नहीं कर सके कि अनशन से पहले कांग्रेस नेताओं ने छोले-भटूरे खा लिए, इसे कवरेज देना प्राथमिकता थी या कि बीजेपी विधायक पर गैंगरेप का आरोप लगा रही लड़की का सपरिवार आत्मदाह की कोशिश के बाद उसके पिता को जेल में बंद करना और जेल में ही उसकी मौत हो जाने की ख़बर प्राथमिकता थी। वैसे ज्यादातर चैनलों ने छोले-भटूरे की ख़बर से चटखारे लिए। छोले भटूरे से अलग जिन्होंने गैंगरेप पीड़िता के पिता की हत्या की ख़बर उठाने की बात कही, उसे बीजेपी मीडिया सेल ने घोषित कर दिया राहुल के चमचे .. खुद पत्रकार भी हो रहे हैं भ्रमित वैसे जब मीडिया पर बार-बार उंगली उठती है तो ख़बरों को लेकर एक बात साफ कर देना जरूरी है कि मीडिया किस ख़बर को प्रमुखता से दिखलाए इसका पैमाना कोई दूसरा तय नहीं कर सकता। गैरपत्रकार तो कतई नहीं। पत्रकारों में अब ऐसी बिरादरी आ गयी है जो कहती मिलेगी- सुबह-सुबह ये क्राइम का न्यूज़ क्यों चला दिया? ऐसे पत्रकारों में हो सकता है कि नेगेटिव ख़बर को लेकर भी भ्रम हो। वह योगी दरबार में आत्महत्या करने गयी गैंगरेप की ख़बर को भी नेगेटिव बताएं। हो सकता है कि उस लड़की के पिता की पुलिस की गिरफ्त में मौत को भी नेगेटिव ख़बर ही मानें। अगर वे नहीं मानेंगे तो उनसे डांट खाने वाले लोग तो बिना गलती किए इसे ऐसा ही जरूर मान लेंगे। गैंगरेप की शिकार पीड़िता जिसने सपरिवार आत्मदाह की कोशिश मुख्यमंत्री के आवास पर की थी। अब उस पीड़िता के पिता की ही पुलिस गिरफ्त में मोती हो गयी। अब इन सवालों के सामने आने पर बेचैन सबसे ज्यादा सत्ता पक्ष होता है। सत्ता पक्ष का मीडिया सेल ऐसे पत्रकारों को बदनाम करने में जुट जाता है जो मुखर हैं, सत्ता के खिलाफ बोलते हैं। बीजेपी का मीडिया सेल ये बताने लगता है कि वो कौन से पत्रकार हैं जिनके बटन आम तौर पर सत्ता के खिलाफ़ चलते हैं। आम लोगों को बताया जाता है कि ये तो मोदी विरोधी हैं ही। ऐसा करते हुए उनकी निष्पक्ष पत्रकारिता का जो इतिहास है उसे छिपा दिया जाता है, कलंकित कर दिया जाता है। First Published On UCNewsApp.
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