क्या कांग्रेस के SC-ST ‘कानून’ को बीजेपी कमज़ोर कर रही है ?

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Team Trp
Pic Courtsey: DNA India
क्या प्रधानमंत्री ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी/एसटी एक्ट) जैसे एक अच्छे क़ानून को कमज़ोर कर दिया है.. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी ने गरीबों और कमज़ोरों को नुकसान पहुंचाया है ..

उसी दिन कर्नाटक में अमित शाह लिंगायतों पर सफाई दे रहे थे .. दोनों नेता कर्नाटक में चुनावी सभाएं कर रहे थे राज्य में मई 12 को विधानसभा चुनाव हैं.

फिलहाल यहां कांग्रेस की सरकार है औक भाजपा अपने पांव पसारने की कोशिश कर रही है.

राहुल गांधी को सुनिए ..
कांग्रेस के अच्छे कानून को मोदी सरकार ने उसे कमज़ोर कर दिया है.
कांग्रेस ये कानून अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को उत्पीड़न से बचाने के लिए लाई थी.
आप जहां कहीं देखें, वो चाहे मध्य प्रदेश हो, उत्तर प्रदेश हो या फिर राजस्थान हो, ‘ये लोग’ दलितों और आदिवासियों के ख़िलाफ़ काम कर रहे हैं और उनकी हत्या कर रहे हैं.
लेकिन इससे इतर कांग्रेस चाहती है कि उन्हें भोजन दिया जाए जिनके पास आजीविका के कोई साधन और जो शिक्षा नहीं प्राप्त कर सके.
राहुल के आरोपों की राजनीति समझिए ..
बीते साल दिए गए केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के बयान के बाद राज्य में कांग्रेस को दलित समुदाय में पसंद किया जा रहा है.

कर्नाटक में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि पार्टी सत्ता में है और वो संविधान बदलने के लिए ही सत्ता में आई है.

इस कारण दलित समुदायों को पहले ही ऐसा लग रहा है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की नीति को ख़त्म कर दिया जाएगा.

राहुल गांधी ने और क्या-क्या किया?
अपने दो दिवसीय कर्नाटक दौरे के बाद दिल्ली लौटने से पहले राहुल गांधी सिद्धगंगा मठ के मठाधीश श्री श्री शिवाकुमार स्वामीजी से मुलाक़ात की और उन्हें उनके 111वें जन्मदिवस की बधाई दी.

राज्य के सभी राजनेता स्वामीजी के मठ में आते हैं. लेकिन राहुल के पास इसकी एक अलग वजह थी.

हाल में स्वामीजी ने राज्य में कांग्रेस की सिद्धारमैय्या सरकार के केंद्र से लिंगायत को अलग धर्म बनाने की सिफारिश करने के फ़ैसले का समर्थन किया है… राज्य की राजनीति में लिंगायत वोट को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि कांग्रेस लिंगायत वोट बैंक पर भाजपा के एकाधिकार को तोड़ने की कोशिश कर रही है.

यही कारण है कि अमित शाह ने बंद दरवाज़े में हुई एक बैठक में राज्य के करीब सौ स्वीमीजी को बताया है कि भाजपा कभी भी लिंगायत समुदाय में बंटवारा नहीं होने देगी.

ये पहली बार है जब भाजपा सरकार से जुड़े किसी आला नेता ने कांग्रेस के किसी समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने के फ़ैसले पर बड़ी प्रतिक्रिया दी है.

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