Dr. Buddhsen Kashyap, TRP
‘क्या से क्या हो गया तेरे साथ में’, यही सोचते होंगे राम रहीम इंसा और उनकी मुहबोली बेटी हनीप्रीत इंसा. चमक-दमक और ऐशो आराम का जीवन जीने वाले इन दोनों को जेल में सादा जीवन बिताना पड़ रहा है. शुरुआती दिनों में तो काफी दिक्कतें आईं लेकिन अब दोनों ने जेल मे रहने की आदत डाल ली है. बलात्कार, जबरन बंध्याकरण और हिंसा भड़काने के आरोप में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को हरियाणा में रोहतक के सुनारिया जेल में कैदी का जीवन बिताना पड़ रहा है वहीं हनीप्रीत पंजाब के अम्बाला जेल में विचाराधीन कैदी के तौर पर रह रही है. हनीप्रीत पर राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा की साजिश रचने का आरोप है. जेल में राम रहीम रसोई के लिए सब्जियां उगाते हैं. उन्हें अभी नौसिखिया मजदूर माना जाता है और बतौर मजदूरी रोज बीस रुपये का भुगतान किया जाता है. नियमित तौर पर चमकीले और कीमती कपडों की जगह कैदियों वाला सफेद कुर्ता और पायजामा पहनने वाले राम रहीम के जेल में रहत आठ महीने बीत चुके हैं और इस दौरान उनकी दाढ़ी और बाल भूरे रंग के हो गए हैं.
20 साल की सजा भुगत रहे गुरमीत राम रहीम अनुशासन में काम करते हैं और जेल में लोगों से उनका अच्छा व्यवहार है. यही वजह है कि जेल प्रशासन ने उनके परिजनों को राम रहीम के खाते में हर महीने 5000 रुपये जमा करने की छूट दे रखी है. इन पैसों से वह जेल की कैंटीन से फल और समोसा आदि खरीदते हैं. फिलहाल हरियाणा के पंचकुला में सीबीआई की विशेष अदालत में राम रहीम के खिलाफ हत्या के दो मामलों की सुनवाई चल रही है.
फिल्मों में काम कर शोहरत और अकूत सम्पत्ति जमा करने की चाहत रखनेवाली हनीप्रीत के बारे में कहा जा रहा है कि वह अंदर से काफी टूट चुकी है. भजन-कीर्तन से दूर रहती है और अकेले रहना पसंद करती है. किसी कैदी के साथ बात नहीं करती हैं. हनीप्रीत को पहले जेल का खाना अच्छा नहीं लगता था, उसके लिए बाहर से खाना आता था. लेकिन मीडिया हस्तक्षेप पर घर के खाने की छूट बंद कर दी गई. हनीप्रीत समय के साथ अब बदल चुकी हैं और उन्हें जेल के खाने से दिक्कत नहीं होती है. जेल प्रशासन ने विचाराधीन कैदी होने के कारण हनीप्रीत को अपनी पसंद के कपड़े पहनने की छूट दे रखी है. अदालत में पेशी के दौरान हनीप्रीत को कई बार डिजायनर शूट पहने देखा गया है. हनीप्रीत ने रामरहीम की कई फिल्मों में बतौर हिरोइन काम किया है और आगे वह बाॅलिवुड में पैर जमाना चाहती थीं लेकिन समय ने उसका साथ नहीं दिया और वह सलाखों के पीछे जीवन बिताने लगी.