विकास दूबे के सरेंडर की तरह उनका एनकाउंटर भी काफी सवाल पैदा करता है। अगर विकास कोर्ट में पहुंचता, मैजिस्ट्रेट के सामने सब बात रखता बताता किस नेता और किस अधिकारी ने लगातार उसकी मदद की कौन आज तक उसका साथ देते थे तो बहुत बडा भूचाल आ सकता था उत्तर प्रदेश में, इसलिए सब बातों का अंत कर दिया वैसे भी कल गैंगस्टर विकास का ये बोलना की पुलिस के लोग उसके संपर्क में थे यही बयान उसका काल बन चुका था और मारे जाना का पूरा लेखा जोखा लिखा जा चुका था।
अटल बिहारी दुबे मुंबई के एक वकील हैं, इन्होंने कोर्ट मै विकास दुबे के एनकाऊंटर के लेके याचिका दी है,कि उत्तर प्रदेश पुलिस के बयान के अनुसार विकास दुबे भागने की कोशिश कर रहा था??
तभी उसका एनकाऊंटर करना पड़ा।।।
शिवपुरी से होते हुए झांसी और फिर बरास्ते दतिया होते हुए एसटीएफ की टीम कानपुर देहात पहुंच चुकी थी उनकी लोकेशन यहां तक लाइव रही उसके बाद उरई टोल नाके पर जिला पुलिस की एस्कॉर्ट ने एसटीएफ की 3 गाड़ियों का काफिला आगे निकल चुका था। विकास दुबे जिस स्कार्पियो में सवार था, वह पलट चुकी थी। यानी पहले जो 4 गाड़ियां विकास को लेकर जा रही थी, उसमें से एक कम हो गयी थी।
अचानक खबर आती है कि विकास ने पलटी हुई स्कार्पियो से निकलकर भागने की कोशिश की पुलिस पर फायरिंग की और एनकाउंटर में मारा गया।
#इसका मतलब क्या है?
1. हत्या की कहानी पहले ही लिखी जा चुकी थी।
2. अगर वो कोर्ट पहुंचता तो बहुत नेता और अधिकारी बेनकाब हो सकते थे।
#बातें जो एनकांउटर के सुनियोजित होने का प्रमाण देती हैं।
चश्मदीदों का साफ कहना है कि उन्होंने सिर्फ गोलियों की आवाज सुनी वहां कोई गाड़ी नहीं पलटी थी। एसटीएफ की टीम ने उन्हें धमका कर मौके से भगा दिया?
गाड़ी कैसे पलटी? विकास दुबे की हथकड़ी कैसे खुली? उसके पास हथियार कहां से आया?
#आगे क्या
जिस व्यवस्था ने विकास दुबे को गैंगस्टर बनाया। वही जांच करेगी। इसलिए सही जवाब की उम्मीद करना बेकार है।
इस विकास के पास इसी व्यवस्था की काली करतूतों के ढेरों राज़ कैद थे उसका मुंह खुलता तो व्यवस्था हिलने लगती। यूपी की निरंकुश सरकार ने विकास को मारकर यह साफ संदेश दिया है कि जो भी निज़ाम के खिलाफ मुंह खोलेगा वह मारा जाएगा। अगर सरकार में थोड़ी सी भी नैतिकता बच्ची है तो तुरंत जितने भी लोग एसटीएफ की इस टीम में थे जो विकास को लेकर आ रही थी सबकी फोन कॉल यानी सीडीआर सार्वजनिक कर दे। घटना के समय टीम के किस सदस्य की किस नेता या आधिकारी से बात हुई सब सार्वजनिक होना चाहिए ताकि कुछ राज खुल सके।
TRP News Report/Mumbai/Uttar Pradesh.